राम मंदिर पर भागवत के बयान के बाद भड़के इकबाल अंसारी कहा कोर्ट से बाहर कानून बना तो मुसलमान

अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि मसले पर कोर्ट के बाहर अगर कोई कानून बनता है तो उसे मुसलमान नहीं मानेगा.
इकबाल अंसारी ने भी कहा कि जब चुनाव आता है तो तमाम लीडरों को राम और राम मन्दिर याद आते हैं. इकबाल अंसारी ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में हो और बाहर कानून बनाया जाय, इस पर ऐसा लगता है कि हिंदुस्तान में कोर्ट अलग है और हिंदुस्तान अलग है.
उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीमकोर्ट में है और हम चाहते हैं कि फैसला कोर्ट के माध्यम से हो. कोर्ट जो भी फैसला करेगा उसे हर मुसलमान मानेगा. बाहर कोई भी कानून बने उसे मुसलमान नहीं मानेगा. जब हिंदुस्तान का संविधान मुसलमान मान रहा है तो हिदुस्तान के कोर्ट की बात भी मुसलमान मानेगा.
बता दें नागपुर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनना चाहिए.
लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर उनकी चुनी हुई सरकार होने के बावजूद क्यों मंदिर का निर्माण नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि मंदिर अब तक बन जाना चाहिए था लेकिन राजनीतिक पार्टियां इस पर राजनीति कर रही हैं.
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इकबाल अंसारी से पहले आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि मोहन भागवत के बयान से उन्हें कोई ताज्जुब नहीं हुआ. दरअसल विधानसभा चुनाव हों या केंद्र के चुनाव उनसे पहले हर बार इस तरह का माहौल बनाया जाता है.
हर बार चुनावों से पहले ये मुद्दा जानबूझकर कर उठाया जाता है. फरंगी महली ने कहा कि चुनाव मज़हबी बातों पर नहीं होना चाहिए. चुनाव आम लोगों के मुद्दों पर लड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अयोध्या जमीन विवाद सुप्रीम कोर्ट में है, लिहाजा वहां के फैसले का इंतजार करना चाहिए. सभी को फैसले का इंतजार करना चाहिए.

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