जानिए महात्मा गांधी के बारे में ऐसी बातें, जिनको सुनकर होगा आश्चर्य



महात्मा गांधी के बारे में चाहे जितनी भी बातें कर लें, फिर भी लगता है अभी भी काफी कुछ कहा जाना रह गया बाकी, गांझी जयंती की पूर्व संध्या पर हम राष्ट्रपिता मोहन दास करमचंद गांधी के बारे में ऐसी ही कुछ बातों की आपके साथ कर रहे हैं चर्चा, जिसे जानकर आपको आश्चर्य होगा...

जानिए महात्मा गांधी के बारे में ऐसी बातें, जिनको सुनकर होगा आश्चर्य
इंदिरा गांधी के साथ महात्मा गांधी (फोटो : गूगल)
- पूरा वि‌श्व महात्मा गांधी को शांति का सबसे बड़ा दूत मानता है। इसके बावजूद उनको शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिल पाया। अपने जीवन काम में महात्मा गांधी को नोबल पुरस्कार के लिए पांच बार नामांकित किया गया था। उस समय नोबल पुरस्कारों की चयन समिति पर ब्रिटेन का प्रभाव था। नतीजा हर बार महात्मा गांधी को पुरस्कार से वंचित कर दिया गया।



महात्मा गांधी (फोटो : गूगल)
- महात्मा गांधी ने दक्ष‍िण अफ्रीका प्रवास के दौरान 1899 के एंग्लो बोएर युद्ध में स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर मदद की थी। वहीं पर उन्होंने युद्ध की वि‍भिषिका देखी और फिर अहिंसा के रास्ते पर चल पड़े। उनका सविनय अवज्ञा आंदोलन ने विश्व के 4 महाद्वीपों और 12 देशों में सफलता हासिल की।


समुद्री यात्रा के दौरान महात्मा गांधी (फोटो : गूगल)
- भारत में छोटी सड़कों को छोड़ दें तब भी 53 बड़ी सड़कें महात्मा गांधी के नाम पर हैं, जबकि विदेश में कुल 48 सड़कों के नाम उनके नाम पर हैं। गांधी जी ने डरबन, प्रीटोरिया और जोहान्सबर्ग में फुटबाल क्लब स्थापित करने में मदद की थी। इन फुटबॉल क्लबों के नाम पैसिव रेसिस्टर्स सॉकर क्लब थे।


फोन पर बात करते महात्मा गांधी (फोटो : गूगल)
- 2 अक्टूबर को गांधी जी का जन्मदिन है इसलिए गाँधी जयंती के अवसर पर भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव की घोषणा की, कि 2 अक्टूबर को “अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस“ के रूप में मनाया जाएगा।


महात्मा गांधी की आखिरी यात्रा (फोटो : गूगल)
- भारत के आजाद होने के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस पार्टी को भंग कर देने की सलाह दी थी। लेकिन उस समय के नेताओं ने महांत्मा गांधी की बात नहीं मानी।



पंडित जवाहर लाल नेहरु के साथ महात्मा गांधी (फोटो : गूगल)
- स्वतंत्रता दिवस की रात को महात्मा गांधी प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु का ऐतिहासिक का भाषण सुनने के लिए गांधी जी मौजूद नहीं थे। उस समय वे सांप्रदायिक दंगों को समाप्त करने के लिए प्रयास करते हुए उपवास पर थे।


मोहम्मद अली जिन्ना के साथ महात्मा गांधी (फोटो : गूगल)
- महात्मा गांधी ने सामाजिक गंदगी को दूर करने के लिए झाड़ू का सहारा लिया। सामूहिक प्रार्थना पर जोर दिया ताकि लोग एकजुट होकर जात-पात और धर्म की बंदिशों को दरकिनार करें। उन्होंने चरखा को आत्मनिर्भर और एकता का प्रतीक बनाया।

- वर्ष 1930 में टाइम पत्रिका ने महात्मा गांधी को वर्ष का पुरुष का नाम दिया। वर्ष 1999 में गांधी अल्बर्ट आइंस्टाइन के मुकाबले दूसरे स्थान पर थे। टाइम पत्रिका ने दलाई लामा, लेच वालेसा, डॉ मार्टिन लूथर किंग, जूनियर, सेसर शावेज़, औंग सान सूकी, बेनिग्नो अकुइनो जूनियर, डेसमंड टूटू और नेल्सन मंडेला को गांधी की अहिंसा का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी कहा।
- महात्मा गांधी को सम्मान देने के लिए एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गोल चश्मा पहनते थे।


source ucnews.in

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